यदि मैं पक्षी होता
यदि मैं पक्षी होता ?
विस्व में उड़ता फिर्ता
न कोई सरहद रोकती,
न कोई दिवार टोकती ,
उड़ता आसमान में दूर ,
रहता उड़ता दूर -दूर ,
डोलती धरती मन में ,
झूमती आसमां तन में ,
रहता दुनिया के माहौल से दूर,
गाता सिर्फ अपना धुन ,
काश ! यदि मैं पक्षी होता !
काव्यकार – Joytish Chakraborty ( हरेंद्र )
द्वारा रचित
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