वापस आया बहूत दिन बाद
वापस आया बहूत दिन बाद
छोड़ दिया था लिखना मैं ,
क्या करता लिखके ,
जो न देखा किसी ने
आज सोचा क्यों करू मैं लिखना बंद
मुझे मेरा काम है पसंद
चाहे कोई करे नापसंद
लिखना ही है मेरी पसंद
इतना ही रहने देता हूँ आज ....
कल आता हूँ वपन लेने अपना ताज ...
वापस आया बहूत दिन बाद
छोड़ दिया था लिखना मैं ,
क्या करता लिखके ,
जो न देखा किसी ने
आज सोचा क्यों करू मैं लिखना बंद
मुझे मेरा काम है पसंद
चाहे कोई करे नापसंद
लिखना ही है मेरी पसंद
इतना ही रहने देता हूँ आज ....
कल आता हूँ वपन लेने अपना ताज ...
वापस आया बहूत दिन बाद
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