22 April 2016

मिलावट


मिलावट

मिल रहा है मुफ्त हर जगह

कहा चाहिए ,क्या चाहिए

कहने की देर है

पहुंच जाता है वहाँ

मिलावट

दफ्तर हो या हो ट्यूशन

बाजार हो या हो राशन की दुकान

मिलता है तभी चाहते  हो जभी

मिलावट

मिलावट से है सरे परेशान

आओ प्यारे ,हाथ बराए

सब मिल कर दूर भगाए

मिलावट

चाहे हो दफ्तर का बाबू

या फिर हो कोई अधिकारी

हो कोई चपरासी

या फिर हो कोई बिद्यार्थी

मिलावट को दूर भगाए

सब मिल कर हाथ बराए।

दूर करो इस धरती से

राक्षस रूपी मिलावट

आपने मर्जी से

काव्यकारJoytish Chakraborty ( हरेंद्र ) द्वारा रचित

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