लंबी कविता लघु कविता
लंबी कविता लघु कविता
दोनों में प्रतिस्पर्धा रहा हमेसा ,
कौन किस्से है बड़ा ?
क्षेत्र में सर्वोपरा
छोटी ने कहा ....
छोटी हूँ .... पर खोटी नहीं।
न समझो मुझे अधूरा,
कम शब्दो में मैं हूँ पूरा।
कहना न आता मुझे ज्यादा
मैं कम शब्दो का हूँ प्यासा।
लंबी बोली ....
मैं विस्तृत हूँ , अखंड हूँ , पूर्ण हूँ
ज्ञान भरा ,शब्द भरा
हरा भरा परिपूर्ण हूँ
जड़ मेरा सालो पुराना
अखंड खरा अभी मुश्किल है हराना।
इतने में सृस्टिकर ने कहा
कौन बड़ा कौन छोटा
दोनों ही तो है मुझसे बना
समय उपयोगी दोनों ही रचा
कौन है किस्से बचा
काव्यकार – Joytish Chakraborty ( हरेंद्र )
द्वारा रचित
20-08-2020
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